Monday, May 16, 2011

पता नहीं क्या बात है


बरसों बीत गए
तुमसे जुदा हुए
दुनिया की नज़र में
तुम्हें भूल भी चुके हैं.
पर,पता नहीं क्या बात है
हाथ दुआ में उठते हैं
तो तुम जुबां पे आते हो
आँखें बंद करूँ
तो तुम ही  नज़र आते हो .
इस सब से तो आज भी यही लगता है
कि,तुम जहां भी रहो,
जिसके साथ भी रहो,
जैसे भी रहो ......
पर,
मेरे दिल में
सालों पहले ....
जहां दर्द-ए-मोहब्बत होता था
वो दर्द आज भी वहाँ ......
...पूरी शिद्दत से बरकरार है.

29 comments:

  1. हाथ उठते हैं दुआ में तो तेरा नाम आता है .. तो एहसास होता है तुम्हें नहीं भूल सके

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  2. प्यार के जज्बात भी निराले होतें हैं.एक प्यार करनेवाला ही बेहतर समझ सकता है उन्हें .मुझे तो एक टीस का अहसास होता है आपकी भावपूर्ण अभिव्यक्ति में.
    सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
    आप मेरे ब्लॉग पर अभी तक नहीं आयीं हैं इस बार.मेरी ५ मई की पोस्ट आपका बेसब्री से इंतजार कर रही है.प्लीज,भूलिएगा नहीं निधि जी.

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  3. रश्मिप्रभा जी ....जब भी आपकी टिप्पणी दिखती है पोस्ट पर मन प्रसन्न हो जाता है......आपकी लिखी एक पंक्ति भी .पूरा उत्साहवर्धन करती है..............धन्यवाद

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  4. राकेशजी.......मुझे याद है आपके ब्लॉग पर आना.........अवश्य आऊँगी........आप आये,पढ़नेएवं प्रतिक्रया देने हेतु......इसके लिए शुक्रिया

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  5. Mohammad ShahabuddinMay 16, 2011 at 7:42 PM

    बड़ी ही खूबसूरती से तुम दिल के जज्बातों को अल्फाजों के शकल दे देती हो...मैंने बारहा कहा है और फिर कहता हूँ यह हुनर तुममे ही है...कितने खूबसूरत शब्द हैं के जब हाथ दुआ के लिए उठाते हैं तो जुबान पर तुम आते हो...आँखें बंद करो तो तुम नज़र आते हो...सच बहुत बढ़िया...

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  6. एक बेटी, बहन, पत्नी और फिर माँ... जिसने प्यार के इस जज्बे की बारीकी को देखा, समझा, जाना और महसूस किया... वोही प्यार को इतने सुन्दर शब्दों में प्रस्तुत करने की छमता रखती है...
    बहुत ही सुन्दर, बधाई आपको निधि जी...

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  7. MS.............मेरे हुनर की आपने दाद दी .........आपने शब्दों से किये मेरे इस खिलवाड को हुनर माना ये आपका बड़प्पन है.......धन्यवाद

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  8. विनय जी...........किसी की भी उन्मुक्त भाव से प्रशंसा करना कोई आपसे सीखे.....बहुत आभार ....ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी की मुझे सदा प्रतीक्षा रहती है.

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  9. behad baaw puran abhibaykti....bahut sundar..man ko chhuti dard ko mehshush karti...badhai...

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  10. अर्थिजा.........आपने अपना कीमती वक्त मुझे दिया...इस हेतु आपका आभार !

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  11. विवेक................शुक्रिया कि आप ब्लॉग पर आये,रचना को पढ़ा एवं पसंद किया .....

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  12. बहुत सुन्दर रचना गहराई तक छू जाती है.....बहुत सुन्दर

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  13. बहुत खूबसूरत ख़याल को शब्द दे देती हैं आप .... बहुत लाजवाब ....

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  14. कई दिनों व्यस्त होने के कारण  ब्लॉग पर नहीं आ सका
    .....माफी चाहता हूँ..

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  15. संजय जी..माफी की तो कोई आवश्यकता ही नहीं है.......मुझे तो बस यह लगा था कि कहीं आप भी उन लोगों में से ना हों जो एक बार आ कर रास्ता भूल जाते हैं.....खैर,मेरी खुशनसीबी की आप दोबारा आये........आपका शुक्रिया....तहे दिल से........आपने अपने व्यस्त जीवन से समय निकाल कर रचना को पढ़ा एवं सराहा.......आभार!!!!!

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  16. मन में टीस का अहसास
    अहसास से उपजी भावनाएं
    भावनाओं को मिले अनुपम शब्द
    शब्द-शब्द सजी अच्छी कविता !!

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  17. दानिश.......आपकी टिपण्णी के शब्द भी किसी कविता से कम नहीं हैं...........शुक्रिया मेरी रचना को पसंद करने के लिए और इतने खूबसूरत लफ़्ज़ों में अपना कमेन्ट पोस्ट करने के लिए

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  18. .... बेहद सुंदर ..रचना है 'निधि'.... आप एक परिपक्व कवियत्री है इसमें कोई संदेह नहीं है... आपने बेहद सुंदरता से 'विरह वेदना' को शब्दों समेटा है ...
    .
    जाने किसका इंतज़ार रहा हरदम
    मिला ही नहीं जो वो प्यार रहा हरदम
    तस्वीर ख्यालों में भी धुंधली हो चुकी
    'दर्द-ए-दिल' फिर भी बरकरार रहा हरदम

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  19. अमित................पोस्ट को आपने वक्त निकाल कर पढ़ा....सराहा और अपने एक खूबसूरत शेर से नवाजा............शुक्रिया!!!!!!!!!!!!!!

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  20. bahut hi sunder likha hai nidhiji.mere dil mei..........barkarar hai.pad kar achha laga.abhar.

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  21. सुनीला जी...................आपका धन्यवाद कि आपने पढ़ा , सराहा और अपने दिल में उसे रखा...........

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  22. Nidhi jee kaafi achha hai..
    हुस्न गर मिल जाए कहीं तुमको तो उसको मेरी भी एक सदा देना
    जाने कितनों को मौत तूने बख्शी है, और तेरा काम था ज़िन्दगी देना...

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  23. अभिषेक..............नवाजिश!!आपका शेर भी बहुत बढ़िया है...मेरी पोस्ट को आपने पढ़ा और सराहा............शुक्रिया

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  24. मेरे दिल में सालो पहले जहाँ दर्द - ए- मोहब्बत होता था ..
    वो दर्द आज भी वहां ..
    पूरी शिद्दत से बरकरार है ...!!!

    बहुत ही खूबसूरती से हाल-ए-दिल बयाँ किया है .. अतिसुन्दर ..!!!

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  25. शोभा जी...............बहुत धन्यवाद.......ब्लॉग पर आप के आने के लिए......रचना पढ़ने और सराहने के लिए और साथ ही साथ वक्त निकाल कर टिप्पणी करने के लिए

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  26. bahot he acha

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  27. शुक्रिया.................कमल जी

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  28. nidhi dear ............ what can say........
    ok
    ammuuuhhhhhaaaaaaaaa
    bhavna bhavee

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टिप्पणिओं के इंतज़ार में ..................

सुराग.....

मेरी राह के हमसफ़र ....

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